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चाय या कॉफी


चाय या कॉफी☕☕ भाग--29


गगन और अनामिका दूसरे दिन ही वापस लौट गए थे।

आरती ने अपना काम स्टार्ट कर दिया था । आरती ने धीरेधीरे अपनी पैठ बनाना शुरु कर दिया।

उसने सबसे पहले अपने एंप्लॉयीज को अपने भरोसे में लेना शुरू किया।


,,s,, ब्रांड  के बिक्री के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन  दोनों के साथ मार्केटिंग करना शुरू किया ।

उसके बाद उसने आर्डर लेकर इंडिया विशाला के पास s  के लिए आउटफिट्स के सैंपल पिक्चर भेजने शुरू किए ताकि  इंडिया में काम शुरू हो जाए ।

यह भी गारमेंट मर्चेन्टाइजिंग विभाग का एक पार्ट है जिसमें  ड्रेस का फोटो पिक्चर  देखकर आउटफिट्स बनाए जाते हैं।

आरती धीरे-धीरे अपने काम में मशगूल हो रही थी ।ऑस्ट्रेलिया के गारमेंट्स शॉप और लोकल मार्केट में ब्रांड s को प्रचार करने और उसे लोकप्रिय बनाने में दिनरात मेहनत कर रही थी।


ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में एस..( s)अपना प्रभाव छोड़ता जा रहा था।

उसके इस काम में उसके साथ जस्टिन दिनरात उसके साथ रहता था।

उसकी दोस्ती जस्टिन से बढ़ती जा रही थी। जस्टिन भी  दिल से बहुत ही सीधा साधा भोला भाला सा युवक था।

उसकी उम्र भी आरती के लगभग  ही थी।उसने भी अब तक शादी नहीं किया था ।

आरती को देखकर वह काफी इंप्रेस था ।आरती की बातें सुनकर वह काफी खुश होता था ।

आरती को भी विदेश में एक हिंदुस्तानी का साथ मिल गया था।
अब दोनों एक दूसरे के साथ खाली टाइम में बैठ कर खूब बातें किया करते थे।

अनामिका और गगन दोनों एक लंबे समय तक लिव इन में रहने के बाद अलग हो गए थे।
अलग होने के काफी अरसे के बाद दोनों ने फिर से प्रेमविवाह किया था।

अनामिका और गगन की रिश्ते की बहन गिरिजा दोनों काफी गहरी सहेलियाँ भी थीं।

अब अनामिका अपनी शादी को टूटने नहीं देना चाहती थी।
इसलिए वह थोड़ासमय देना चाहती थी।  लंदन के कोल्ड  टेंपरेचर में दोनों के रिश्ते गर्म हो रहे थे।

वह महसूस कर रही थी कि लिव इन में रहते हुए उसमें बहुत ज्यादा बचपना था ।शादी मेच्योरिटी का मसला है ,यहां बचपना और एटीट्यूड काम नहीं आता।

उसकी समझदारी काम आ रही थी।गगन भी एक बहुत ही मेच्योर हसबैंड साबित हो रहा था।
अनामिका का बहुत खयाल रखता उसकी सारी छोटी बड़ी इच्छाओं का ध्यान रखता।

दोनों की गृहस्थी सुंदर रंग लेने लगी थी। एक वीकेंड पर आरती लंदन अनामिका के पास आई।

उसे गगन और अनामिका दोनों ने खास तौर पर बुलाया था।

अनामिका के घर पहुंची आरती की तबीयत थोड़ी खराब हो गई।
उसे बुखार हो गया। अना ने नाराजगी दिखाते हुए कहा
,,आरती,फिर से मशीन बनना शुरू कर दिया तूने।अपनी सेहत का ध्यान रखा कर।,,

,,क्या करूं अनु,समय ही नहीं कटता..इसलिए काम में उलझी रह जाती हूँ।अपने आप को भुलाने के लिए..!,,आरती ने ठंडी सांस लेकर कहा।

,,हम्म...,कुछ गलतियां हमने की हैं न अपने कैरियर को लेकर..कभी शादी और सेटल्ड लाइफ  को अहमियत नहीं दी,इसका नुकसान भी हम ही भुगत रहे हैं।,,

,,हाँ,पर अब क्या हो सकता है...अब अपने पास बस काम ही बचा है...!,,

,,नहीं,इसका सॉल्यूशन हमें खोजना होगा।,,

,,ह्म्म्म...!,,आरती ने आँखें बंद कर बिस्तर पर आँखें बंद कर लेट गई।

...क्रमशः☺️
सीमा...✍️
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1 Comments

अदिति झा

07-Mar-2023 08:39 AM

Nice part 👌

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